अंबाती रायडू की जीवनी Ambati Rayudu Biography In Hindi

 


अम्बाती रायुडू को एक समय पर भबिस्य के सचिन तेंदुलकर कहा जाता था।  अम्बाती रायुडू फॉर्मल इंडियन क्रिकेटर हे।  जो की राइट हैंड मिडिल आर्डर के बैट्समैन के रूप मे जाने जाते हे।  ये कभी जरूरत पड़ने पर किकेट कीपिंग  और बोलिंग भी करते हे। 

अम्बाती रायुडू  का पूरा नाम हे अम्बाती तिरुपति रायुड।  इनका जनम २३ सितम्बर १९८५ को आंध्र  प्रदेश के  गुंटूर मे हुवा था।  इनके पिता का नाम साम्बशिवा  रओ हे।  रायुडू एक इंटरव्यू ने बताया था की उन्हे क्रिकेट खेलने की इंस्पिरेशन उनके पिता से ही आयी थी।  

जब अम्बाती केवल तीसरी क्लास मे ही थे तभी उनके पिता ने उन्हे क्रिकेट कोचिंग कैंप मे उन्हे एड्मिशन दिला दिया था।  जब अम्बाती सात साल के हुवे तब उनके पिता फॉर्मर हैदराबादी क्रिकेटर बिजय पॉल के क्रिकेट अकेडमी ले गए।  कोच बिजय पॉल का कहना हे की रायडू के पिता उन्हे स्कूटर से उन्हे अकेडमी लाया करते थे।  
इसके इलावा इनके पिता ५० मीटर दूर रहकर उन्हे प्रैक्टिस करते हुवे देखते रहते थे। 


अंबाती रायडू  की  मुख्य जानकारी


Ambati Rayudu  Biography
पूरा नामAmbati Thirupathi Rayudu
लम्बाई (लगभग)1.73 m
जन्मतिथिSeptember 23, 1985
जन्मस्थान Guntur, India
बल्लेबाजी शैलीदाएं हाथ के बल्लेबाज
गेंदबाजी की शैलीदाएं हाथ के 


अम्बाती की स्कूल की पढाई की बात की जाये तो उन्होने स्कूल के पढाई भवन’स श्री रामकृष्ण विद्यालय से की। रायडू ने अपनी करियर की सुरुवात १५ बर्ष की उम्र मे करि।  वो हैदराबाद के युथ टीम्स की और से खेला करते थे।  उन्होने हैदराबाद के अंडर १६ & १९ लेवल्स पर रिप्रेजेंट  करा।  और ज्यादा तर मैच मे अपनी टीम के जीतनेय मे अपनी योगदान दिया।  इस मैच के उनके परफॉरमेंस के वजह से उन्हे हैदराबाद के सीनियर्स टीम मे जगह दिलाई।  २००२ मे हैदराबाद की और से खलती हुवे रायडू ने अपना फर्स्ट क्लास डेब्यू करा।  

२००२ मे ही रायडू को इंडियन अंडर १७ टीम का कप्तान भी बनाया गया। अंडर १७ मे अच्छी परफॉरमेंस करि तो उन्हे अंडर १९ इंग्लैंड टूर पर भी ले जाया गया।  इस ३ मैच के सीरीज मे रायडू ने २९१ रन बनाये।  और सीरीज के हिघटेसट रन स्क्रोरेर बन कर सामने आये।  कमल तो इस सीरीज के आखिरी मैच मे हुवा।  जब उन्होने १७७ बॉल्स पर १७७ रन बना दिए।  और अपने डैम पर टीम को ३०४ रन को टारगेट देने मि अहम् भमिका निभाया। 

इसके बाद २००२ & २००३ रणजी ट्रॉफी मे ६९.८० के एवरेज से रायडू ने ६९८ रन बनाये।  इस टूर्नामेंट मे रायडू ने २१० & १५९ की नॉट आउट दो शानदार परिया खेली।  ऐसा कर के वो रणजी ट्रॉफी के इतिहास मे यंगेस्ट  प्लेयर बने जिन्होने एक ही सीजन  मे एक सेंचुरी और दूसरा सेंचुरी लगाए । २००४ मे हैदराबाद के कोच राजू यादव और रायडू के बिच डिफरेंसेस बढ़ने लगे। जिस कारन के लिए २००५ मे रणजी ट्रॉफी के लिए उन्होने अपनी टीम बदल  liya। और आंध्रा के लिए खेलने चले गए।

  इसके इलावा उन्हे हमेशा फेल्ड के अंदर और बहार उन्हे बुलइंग करा जाता था।  इतना ही नहीं हैदराबाद के खिलाड़ी अर्जुन यादव ने स्टंप के साथ रायडू पर भी अटैक करने की कोशिश करि थी।  इसके बाद हैदराबाद की कोच को बदल दिया गया और रायडू भी टीम मे वापस  आ गए।  पर अभी भी हैदराबाद एसोसिएशन की गन्दी पॉलिटिक्स जिन्दा थी।  रायडू के लिए ये वक़्त बहोत बुरा चल रहा था।  क्यों  की उनके पिता ने उनको  क्रिकेटर बनाने के लिए बहोत संघर्ष करे थे।  और उनके लिए कई जगह से पैसा भी उधार लिए थे। 

पर जब अब उनके साथ जब ऐसी पॉलिटिक्स हो रही थी तो उनके और उनके पिता के लिए सब कुछ बिखरता सा हुवा नज़र आ रहा था।  इसके बाद इंडिया मे इंडियन क्रिकेट लीग की एंट्री हुवी। BCCI  इस टूर्नामेंट के खिलाफ था। और उसने ये एलान किया था की जो भी खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में खेलेगा BCCI उस खिलाड़ी पर बैन लगा देगा।  इसके पहले ही कई खिलाड़ी जिनमे रायडू भी शामिल थे ICL के साथ Sign कर चुके थे।  वो २००७ से २००८ तक हैदराबाद की और से खेले। 

२००९ मे उनपर लगा बैन BCCI ने हटा दिया।   जिससे वो इंडिया डोमेस्टिक क्रिकेट में वापसी कर सकते थे।  इस वक़्त तक IPL भी सुरु हो चूका था।  और अब सभी खिलाड़ी IPL मे शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। रायडू ने २००९ के रणजी ट्रॉफी मे अच्छा परफॉर्म करा जिस वजह से मुंबई इंडियंस ने उन्हे अपने टीम के लिए खरीद लिया। IPL के अच्छे परफॉरमेंस ने उन्हे २०१२ मे इंडिया टीम के लिए १२ मैन के लिए चयन किया ।

लेकिन एक भी मैच मे उन्हे प्लेइंग ११ मे उन्हे नहीं रखा गया।  १ साल और उन्होने डोमेस्टिक क्रिकेट मे उन्होने अच्छा परफॉर्म करा।  और फिर फाइनली २४ जुलाई २०१३ को उन्हे अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेलनेको मिला।  और वो अपने पहली ODI मे हाफ सेंचुरी बनानेवाले १२ बी इंडियन क्रिकेटर बैन गए।  इसके बाद से २०१९ तक कई मैच मे रायडू ने बेहतरीन परफॉरमेंस दी और टीम के लिए बेहतरीन खिलाड़ी बैन कर सामने आये।  रायडू ने अपने करियर मे कई कंट्रोवर्सी का सामना करा।  फिर चाहे वो २००५ मे अर्जुन यादव से मतवेद हो।  या फिर २०१६ मे हरभजन सिंह से। 

इसके रायडू को BCCI ने २ मैच के लिए बैन भी कर दिया था।  जब उनकी सईद मुस्तक़ ट्रॉफी मे एक मैच के दौरान अंपायर से झगड़ा हो गयी थी।  जब अच्छी परफॉरमेंस के बाबजूद भी २०१९ वर्ल्ड कप मे उन्हे सेलेक्ट नहीं करा जा रहा था तब उन्होने क्रिकेट के सभी फरमाते से रिटायर होने का फैसला किया।  उन्होने 20019 मे अपनी कॉलेज फ्रेंड चेंनुपल्ली विद्या से शादी करि।                


 

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