रविचंद्रन अश्विन जिनके नाम से 50 मैच मे 275 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसके इलावा सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के बाद वो ऐसे भारतीय खिलाड़ी जिन्होने ने आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवार्ड अपने नाम किया है। रविचंद्रन अश्विन ने अपने पैशन को फॉलो करते हुवे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद इंजीनियरिंग में करियर बनाने की जगह क्रिकेट को चुना।
और उन्होंने अपने इस फैसले से फिर से साबित किया। कि अगर आप अपने पैशन को फॉलो करते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप जरूर सफल होंगे। रविचंद्रन अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को तमिलनाडु के चेन्नई शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम रविचंद्रन और मां का नाम चित्रा हे। बहुत कम लोगों को पता होगा की अश्विन के पिता रविचंद्रन भी एक फास्ट बॉलर हैं।
जिन्होंने क्लब लेवल पर बहुत सारे क्रिकेट मैच खेले हैं। रविचंद्रन अश्विन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई पद्मा सेशाद्री बल भवन से की। जहा वह अच्छे स्टूडेंट थे। और साथ ही साथ स्कूल के ही क्रिकेट टीम की तरफ से बैट्समैन के तौर पर खेलते थे। अगर बोलिंग की बात करें तो वह उस समय तक रविचंद्रन अश्विन की दूसरी प्रायोरिटी थी।
लेकिन 14 साल की उम्र में एक मैच के दौरान उनकी हिप बोनस पर चोट लग गई। जिसके बाद उन्हें 2 महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा। और करीब 1 साल तक वह क्रिकेट नहीं खेल पाए। १ साल क्रिकेट से दूर रहने के बाद अश्विन ने फिर से वापसी की। और अब उन्होंने बोलिंग की तरफ कंसन्ट्रेटे किया।
आगे चलकर उन्होंने SSN College of Engineering में एडमिशन लिया। जहां से उन्होने IT से बी-Tech की पढाई पूरी की। लेकिन एक इंजीनियर बनने की जगह उन्होने क्रिकेट में करियर बनाने का रास्ता चुना। और पहली बार Dec २००६ में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में तमिलनाडु की तरफ से खेलने का मौका मिला।
जहां उन्होंने अपने पहले ही सीरीज में अपने जबरजस्त प्रदर्शन की बदौलत खुद को साबित किया। जैसे उन्हें अगले सेशन में ही तमिलनाडु टीम का कैप्टन बना दिया गया। 2006 से 2009 तक अश्विन ने तमिलनाडु और साउथ जोन की टीम के तरफ से खेला।
रविचंद्रन आश्विन की मुख्य जानकारी
Ravichandran Ashwin Biography | |
---|---|
पूरा नाम | रविचंद्रन अश्विन |
जन्म | 17 सितंबर 1986 |
जन्म स्थान | मायलापुर, चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
हाइट (लगभग) | 1.88 मीटर |
बल्लेबाजी शैली | दाएं हाथ के बल्लेबाज |
गेंदबाजी शैली | दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज |
और फिर आगे चलकर 2009 में उन्हें आईपीएल की टीम चेन्नई सुपर किंग टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला। हालाकि उन्हें प्लेइंग इलेवन के सिर्फ दो मैचों में ही खिलाया गया। जिसकी वजह से वह अपनी प्रतिभा को साबित करने में नाकाम रहे। लेकिन अगले सेशन में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने बॉलर बने।
और उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया। 2010 की आईपीएल में जबरदस्त प्रदर्शन की वजह से उन्हें इंडिया की नेशनल टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला। जहां उन्होंने जून 2010 में जिंबाब्वे का दौरा किया।
५ जुन २०१० को श्रीलंका के खिलाफ उन्होने अपना ODI डेब्यू किये। जिस मैच में उन्होने ३२ गेंदों पर ३८ रन बनाये। और बोलिंग मे ५० रन देते हुवे २ विकेट लिए। ईस सीरीज के सिर्फ एक हप्ते बाद ही अश्विन ने जिंबाब्वे के खिलाफ अपना टी-२० डेब्यू भी किया। जहा उन्होने कुल ४ वर्ष मे कुल २२ रन देकर एक विकेट लिए।
आगे चलकर अश्विन को न्यूजीलैंड और श्रीलंका के खिलाफ ट्रायल सीरीज के लिए भी चुना गया। लेकिन प्रज्ञान ओझा और रवींद्र जडेजा की टीम में खेलने की वजह से उन्हे मौका नहीं मिल सका।
आखिरकार अक्टूबर मे चयनकर्ता ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ३ मैच के ONE डे सेरिज मे प्रमुख स्पिनर को बैठाकर कुछ नए खिलाड़ियों को मौका देने का फैसला किया। जिससे टीम में फिर से अश्विन की वापसी हो सकि । इस सीरीज में खेले गए एक मात्र मैच में अश्विन सबसे किफायती गेंदबाज रहे।
जिसमें उन्होंने ९ ओवर मे ३४ रन देकर एक विकेट लिया। और वह मैच भारत ने 5 विकेट से मैच भी जीत लिया था।अश्विन Nov -Dec 2010 में नूज़ीलैण्ड के खिलाफ घरेलु शृंखला के सभी ५ मैच में खेले। जिसमें उन्होंने 11 विकेट लेकर सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने।
हलाकि ईएसएस जबरजस्त परफॉरमेंस के बाबजूद साउथ अफ्रीका के ५ मैच के दौरे पर प्लेइंग ११ में किसी भी मैच में खेलने का मौका नहीं दिया गया। उनकी जगह टीम में हरभजन सिंह को शामिल किया गया। अश्विन ने नवंबर 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू भी किया।
जिसमें उन्होंने कुल 9 विकेट लिए। और उनकी इस जबरजस्त परफॉरमेंस की वजह से उन्हे मैन ऑफ़ दी मैच चुना गया। और वह तीसरी ऐसी भारतीय खिलाड़ी बने जिसने अपनी टेस्ट डेब्यू में ही ये खिताब अपने नाम किया।इसके बाद सचिन ने अपने कैप अश्विन को दी। बस यहां से अश्विन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। और अपने सिर्फ १८ टेस्ट मैच मे 100 विकेट लेकर सबसे कम मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड बना डाला।
और उनका यह सिलसिला युही चलता रहा। 12 फरवरी 2017 को 250 टेस्ट विकेट लेने वाली अश्विन सबसे तेज खिलाड़ी बन गए। उन्होंने यह कारनामा सिर्फ ४५ टेस्ट मैच किया। जबकि Dennis Lillee ने इससे पहले ४८ टेस्ट मैच मे यह बिशाल कारनामा किया था।
भारत क्रिकेट में अश्विन के योगदान के लिए उन्हे २०१४ में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ के बाद वह ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने जिन्होने ICC Cricket Of The Year का ख़िताब अपने नाम किया हे।
अगर पर्सनल लाइफ की बात करे तो अश्विन ने अपनी बचपन की दोस्त प्रीति नारायण से शादी की। 1 जुलाई 2015 को वह एक बच्ची के पिता बने। जिसका नाम उन्होंने अकीरा दिया। और फिर दिसंबर 2016 में उन्हें एक और बची हुई। जिसका नाम अध्य रखा।
0 Comments