भारत के अंडर क्रिकेट के खेल में अगर कोई देश की तरफ से खेलना चाहता है तो उसके लिए ना केवल उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी बल्कि काफी लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। और इस बात की गबाही हे भारतीय टीम में खेल रहे आलराउंडर  केदार जाधव। 



जिन्होने अभी तक  अपना पूरा लाइफ क्रिकेट को ही समर्पित कर दिया। लेकिन इसके बाबजूद २९ साल के उम्र में उन्हे भारतीय टीम में खेलनेका   मौका  मिला । यु तो केदार जाधव के लक ने शुरुआती समय में उनका साथ नहीं दिया था। लेकिन भारतीय टीम में आने के बाद से वह टीम की लकी चार्म बने हुए हैं। 

उनकी मौजूदगी में भारत टीम ने ८०% से ज्यादा मैच जीते हे। और खासकर वह अपने अजीबोगरीब बॉलिंग एक्शन को लेकर भी काफी चर्चा में रहते हैं। क्योंकि जिस  साझेदारी को बड़े-बड़े गेंदबाज भी नहीं छोड़ पाते हे। उन्हें केदार अपना शिकार बना लेते हैं। इसी लिए भारतीय टीम उन्हे पार्टनरशिप ब्रेकर भी कहा जाता हे।  

26 मार्च 1985 में  महाराष्ट्र के पुणे में केदार जाधव का जन्म हुवा। उनके  के पिता का नाम महादेव जाधव था। जो कि बिजली विभाग में काम किया करते थे। उनकी मां का नाम मंदाकिनी जाधव है। कहां जाता है कि केदार जाधव बचपन से ही काफी संत स्वभाव के थे।

क्रिकेट के खेल से प्रेम 2 साल के रहते हुए ही हो गया था। और इस खेल से लगाव  भी कुछ ऐसा की वह आपने प्लास्टिक का बैट  लेकर सोते भी थे। और केदार जाधव के बेहन   बताती हैं कि बचपन में कोई भी गोल चीज पाते ही वह गेंदबाजी का अभ्यास करने लगते थे। 

 और इसी वजह से उन्हें बचपन में खूब डॉट भी  सुनने को मिला है। हलाकि उनके लागब को देख कर उनके सभी फॅमिली मेंबर के मन में यह बात चलती रहती थी कि केदार बड़े होकर एक अच्छे क्रिकेट की खिलाड़ी बनेंगे। और फिर इसी तरह से केदार ने अपनी शुरुआती पढ़ाई एमआईटी हाई स्कूल से की। 

केदार जाधव की  मुख्य जानकारी



Kedar Jadhav Biography
पूरा नामकेदार महादेव जाधव
लम्बाई (लगभग)से० मी०- 163
जन्मतिथि26 मार्च 1985
जन्मस्थानपुणे, महाराष्ट्र, भारत
बल्लेबाजी शैलीदाएं हाथ के बल्लेबाज
गेंदबाजी की शैलीदाएं हाथ के ऑफ ब्रेक

हलाकि  क्रिकेट के प्रति उनका लगाव इतना ज्यादा था की पढ़ाई में उनका कुछ खास मन नहीं लग सका।  

एक इंटरेस्टिंग बात यह भी हे की केदार  पढ़ाई लिखाई में बिल्कुल भी अच्छे नहीं थे वहीं उन की तीन बड़ी बहनों में से एक ने इंग्लिश में पीएचडी दूसरी ने इंजीनियरिंग और तीसरी बहन ने फाइनेंस में MBA  किया है। हलाकि  हाई स्कूल के पढ़ाई के बाद से  केदार जाधव ने क्रिकेट को ही अपना करियर बनाने का सोच लिया। 

और जल्दी उन के क्रिकेट टैलेंट को देखते हुए जल्दी ही उन्हे  डिस्ट्रिक्ट लेवल की क्रिकेट टीम में जगह मिल गई।और फिर डिस्टिक लेवल पर कुछ साल खेलते हुए केदार के टैलेंट में भी काफी निखार आया। और जल्दी 2004 में उन्हे महाराष्ट्र के टीम में शामिल कर लिया।  

हालांकि यहां तक तो केदार जाधव के लिए सब कुछ बिल्कुल सही चल रहा था। लेकिन इसके बाद से केदार का रास्ता  इतना आसान रहा नहीं। क्योंकि घरेलू टीमों में शानदार परफॉर्मेंस के बाद भी  उन्हें नेशनल टीम की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिल पा रहा था। 

और फिर समय बीतने के साथ ही उन्हें नेशनल टीम में तो अभी भी नहीं।  लेकिन २०१० IPL में उन्हे दिल्ली  दरदेविल्स के तरफ से खेलनेका मौका मिल गया। और फिर अपने पहले ही मैच में आरसीबी के खिलाफ 29 बॉल पर 50 रन बनाकर जादव ने अपनी टीम में जगह सही साबित किया।  

आगे चल कर उन्होने कोच्ची  टस्कर्स  केरला , रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स की अलग-अलग आईपीएल टीम की तरफ से खेलना जारी रखा । इसी बीच 2012 में Ranji Trophy खेलते हुए महाराष्ट्र के टीम के तरफसे उन्होने ट्रिपल सेंचुरी बनायीं।

और 327 रन बनाकर  वह नेशनल सिलेक्टेड की नजरों में आ चुकी थी। हलाकि  भारत में क्रिकेट के अंडर इतना ज्यादा कंपटीशन  है कि टीम में जगह बनाना काफी मुश्किल काम हे।  इसी  लिए ट्रिपल सेंचुरी जैसे बड़े अचीवमेंट के बाद भी केदार को नेशनल टीम में जगह नहीं मिला। 

हलाकि केदार जादव ने अपने  उम्मीदों को बरकरार रखा और 2013-14 के रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा ६ सेंचुरी के साथ 1223 रन बनाये।  अब इस बार इतने सारे रन को देखकर सेलेक्टर भी केदार को नजरअंदाज नहीं कर पाए। काफी देर ही सही लेकिन जून 2014 में बांग्लादेश टूर के लिए उन्हे नेशनल टीम में उन्हे सेलेक्ट कर लिया। 

हलाकि अब यहाँ भी कुछ सीनियर प्लेयर्स ने कुछ इस तरह से अपनी जगह बनाई हुई थी की उन्हे सीरीज के   किसी भी मैच की प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका नहीं मिला। हालाकि नवंबर 2014 में उन्हें एक बार बार फिर श्रीलंका के खिलाफ खेले जाने वाले टूर्नामेंट में शामिल किया गया। यहाँ पर उन्हे मौका मिला भी तो पांचवा मैच में।  जहा उन्होने २४ बॉल पर २० रन बनाये थे।  

लेकिन उन्होने अपने ही सीरीज में उन्होने जिम्बाबे के खिलाफ 87 बॉल पर बिना आउट हुए कुल 105 रन बनाए।और फिर यहाँ उनके खेल को देखते हुए जिम्बाबे के खिलाफ टी-२० स्क्वाड में उन्हे जगह दिया गया।  और फिर इसी तरह करीब २९ साल की उम्र में इंटरनटोनल डेब्यू करनेवाले केदार जाधव को जब भी मौका मिला तब उन्होने देश के लिए रन बनाया। 

ODI  करियर में ४८ का औसत इस बात की गबाही देता हे।  केदार जाधव ने अपने बल्ले से रन तो बनाये ही हे साथ ही साथ इसके अलावा नेशनल टीम में जगह मिलने के बाद उनके गेंदबाजी में भी काफी निखार आया है। केदार जाधव की पर्सनल लाइफ की बात करे तो उन्होने स्नेहल जाधव के साथ सादी की।  स्नेहल से उन्हे एक बेटी भी हे।